सुबह उठते ही सबसे पहले हमें हथेलियों के ही दर्शन करना चाहिए। यहां जानिए क्या होता है सुबह-सुबह हथेलियों के दर्शन करने से...
आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक 09 सितम्बर 2020
दिन - बुधवार
विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)
शक संवत - 1942
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद
मास - अश्विन (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - भाद्रपद
पक्ष - कृष्ण
तिथि - सप्तमी 10 सितम्बर रात्रि 02:05 तक तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र - कृत्तिका सुबह 11:16 तक तत्पश्चात रोहिणी
योग - हर्षण शाम 06:18 तक तत्पश्चात वज्र
राहुकाल - दोपहर 12:24 से दोपहर 01:56 तक
सूर्योदय - 06:25
सूर्यास्त - 18:45
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण - सप्तमी का श्राद्ध
विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है था शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
श्राद्ध और व्रत के दिन ब्रह्मचर्य पालन करे तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
शीशा लगाए
दक्षिण दिशा में बने घर का वास्तुदोष दूर करने के लिए घर के अंदर प्रवेश करने वाली दीवार पर एक बड़ा सा शीशा लगाएं। शीशा इतना बड़ा होना चाहिए कि उसमें घर के अंदर आने वाला की पूरी छवि दिखाई दें। ऐसा करने से घर के अंदर नेगेटिविटी नहीं जा सकेगी। इसतरह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने से घर वालों की सेहत बरकरार रहने के साथ घर का माहौल खुशियों भरा रहेगा। लड़ाई-झगड़ें दूर हो घर में सुख- समृद्धि व शांति का वास होगा।कर दर्शन
शास्त्रों के अनुसार सुबह उठते ही करने चाहिए 'कर दर्शन', जानिए क्यों?हमारी संस्कृति हमें धर्ममय जीवन जीना सिखाती है। हमारा जीवन सुखी, समृद्ध, आनंदमय बने इसके लिए संस्कार रचे गए और दिनचर्या तय की गई। दिनचर्या का आरंभ नींद खुलने के तत्काल बाद शुरू हो जाती है। दिन की शुरुआत का पहला कदम है- कर दर्शनम् अर्थात हथेलियों को देखना। सुबह उठते ही सबसे पहले हमें हथेलियों के ही दर्शन करना चाहिए। यहां जानिए क्या होता है सुबह-सुबह हथेलियों के दर्शन करने से...
सुबह सुहानी हो तो दिन अच्छा गुजरता है। दिन अच्छा हो इसके लिए हम सुबह अपने अंदर और बाहर अर्थात मन में और घर में शांति और प्रसन्नता चाहते हैं। हम आंख खुलते ही कोई ऐसी चीज देखना पसंद नहीं करते जिससे हमारा दिन खराब हो। हमारा दिन हमारे लिए शुभ हो इसके लिए ऋषियों ने कर दर्शनम् का संस्कार हमें दिया है।
कैसे करें कर दर्शनम्
सुबह जब नींद से जागें तो अपनी हथेलियों को आपस मे मिलाकर पुस्तक की तरह खोल लें और यह श्लोक पढ़ते हुए हथेलियों का दर्शन करें-कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।कर मूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते कर दर्शनम्॥
अर्थात- (मेरे) हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी का, मध्य में सरस्वती का और मूल भाग में ब्रह्मा का निवास है।
हथेलियों के दर्शन करते समय एक और मंत्र भी बोला जाता है...
कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥
अर्थात- (मेरे) हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी का, मध्य में सरस्वती का और मूल भाग में भगवान विष्णु का निवास है।
हथेलियों के दर्शन का मूल भाव तो यही है कि हम अपने कर्म पर विश्वास करें। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि ऐसे कर्म करें जिससे जीवन में धन, सुख और ज्ञान प्राप्त करें। हमारे हाथों से ऐसा कर्म हों जिससे दूसरों का कल्याण हो। संसार में इन हाथों से कोई बुरा कार्य न करें।
हथेलियों के दर्शन के समय मन में संकल्प लें कि मैं परिश्रम कर दरिद्रता और अज्ञान को दूर करूंगा और अपना व जगत का कल्याण करूंगा।
हाथों का ही दर्शन क्यों
हमारी संस्कृति हमें सदैव कर्म का संदेश देती है। जीवन के चार आधार- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को पुरुषार्थ कहा गया है। ईश्वर पुरुषार्थी मनुष्य की ही सहायता करते हैं। कर्म से हम अपने जीवन को स्वर्ग बना सकते हैं और नर्क में भी ढकेल सकते हैं। मनुष्य के हाथ शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं। हमारे दो हाथ पुरुषार्थ और सफलता के प्रतीक हैं।
इस परंपरा के संबंध में वेद कहते हैं-
कृतं मे दक्षिणेहस्ते जयो मे सष्य आहित:।
अथर्ववेद 7/50/8
अर्थात- मेरे दाहिने हाथ में पुरुषार्थ है और बाएं हाथ में सफलता। भावार्थ यही है कि हम यदि परिश्रम करते हैं तो सफलता अवश्य मिलती है। हमे अपने कर्म में पीछे नहीं हटना चाहिए, क्योंकि-
अयं मे हस्तो भगवानयं मे भगवत्तर:।
ऋग्वेद 10/60/12
अर्थात- परिश्रम से हमारे हाथों में श्री और सौभाग्य होते हैं। अर्थ यह है कि हम परिश्रम करेंगे तो ही हमें धन मिलेगा। धन से हम सुख-समृद्धि का सौभाग्य पाएंगे। वेद हमें यह भी सचेत करते हैं कि हमारे हाथ से कोई बुरा काम न हो।
हस्तच्युतं जनयत प्रशस्तम्।
सामवेद -72
अर्थात- हमारे हाथों से सदा श्रेष्ठ का निर्माण हो। हम सदा अच्छे काम करें। किसी का बुरा न करें। किसी को दु:ख न पहुंचाएं।
शिक्षा-
प्रभाते कर दर्शनम् का यही संदेश है। हम सुबह उठते ही अपनी हथेलियों के दर्शन कर अच्छे कार्य करने का संकल्प लें, ताकि दिनभर हमारे मन में कोई बुरे विचार न आएं। अच्छे कार्यां से ही हमारी अलग पहचान बनती है।
पंचक
31 अगस्त मध्यरात्रि बाद 3.48 से 5 सितंबर मध्यरात्रि बाद 2.22 बजे तक
28 सितंबर 09:41 सुबह से 3 अक्तूबर 08:51 सुबह तक
एकादशी
इन्दिरा एकादशी - 13 सितंबर 2020
पद्मिनी एकादशी - 27 सितंबर 2020
परम एकादशी - 13 अक्टूबर 2020
पापांकुशा एकादशी - 27 अक्टूबर 2020
प्रदोष
रविवार, 30 अगस्त प्रदोष व्रत (शुक्ल)
15 सितंबर ( मंगलवार ) भौम प्रदोष व्रत ( कृष्ण )
29 सितंबर ( मंगलवार ) भौम प्रदोष व्रत ( शुक्ल )
14 अक्टूबर ( बुधवार ) प्रदोष व्रत ( कृष्ण )
28 अक्टूबर ( बुधवार ) प्रदोष व्रत ( शुक्ल
अमावस्या
गुरुवार, 17 सितंबर अश्विन अमावस्या
शुक्रवार, 16 अक्टूबर आश्विन अमावस्या (अधिक)
पूर्णिमा
बुधवार, 02 सितंबर भाद्रपद पूर्णिमा व्रत
गुरुवार, 01 अक्टूबर आश्विन पूर्णिमा व्रत (अधिक)
शनिवार, 31 अक्टूबर अश्विन पूर्णिमा व्रत
9 सितंबर- सप्तमी, 10 सितंबर- अष्टमी, 11 सितंबर- नवमी, 12 सितंबर- दशमी, 13 सितंबर– एकादशी-द्वादशी, 14 सितंबर- त्रयोदशी, 15 सितंबर चतुर्दशी, मघा श्राद्ध, 16 सितंबर- सर्वपित्र अमावस्या, 17 सितंबर- मातमाह श्राद्ध
आज का राशिफल
अपनी राशि के अनुसार जानिए क्या कहता है आपका राशिफल।
प्रत्येक राशि का राशिफल चंद्र ग्रह की गणना पर आधारित होता है। राशिफल को निकालते समय पंचांग की गणना और सटीक खगोलीय विवरण का विश्लेषण किया जाता है। वैदिक पूजन के द्वारा दैनिक राशिफल में बारह राशियों का भविष्यफल बताया जाता है। यहाँ पर दिये गए राशिफल को पढ़कर आप अपनी रोजाना की योजनाओं को सफल बनाने में कामयाब हो सकते है । इस राशिफल में आपके लिए व्यापार, लेन-देन, नौकरी, परिवार, सेहत और मित्रों के साथ संबंध एवं दिन भर में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी जाती है।
मेष:
आज का दिन आपके लिए मिश्रित फलदायी रहेगा। कुछ मामलों में आपको लाभ होगा तो वहीं कार्यक्षेत्र में अधिकारियों से अनबन हो सकती है। क्रोध पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। आज किसी नए व्यक्ति से संबंध बनाने में कामयाब होंगे। इसका लाभ आपको आगे चलकर मिलेगा। मित्रों के साथ यात्रा पर जाने का प्लान कर सकते हैं। आपको आनंद की प्राप्ति होगी। दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहेगा। आज भाग्य 80 फीसदी साथ देगा।
वृषभ:
आपको आज लाभ की प्राप्ति होने वाली है। अत्यधिक परिश्रम के बाद आपको सफलता मिलेगी। अगर आप सरकारी कर्मी हैं तो आपको आज किसी के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है। शाम के वक्त स्थिति में कुछ सुधार होगा और मन अच्छा हो जाएगा। अब आप अपनी नई योजनाओं पर ध्यान दें तो लाभ होगा। आज भाग्य 79 फीसदी साथ देगा।
मिथुन:
आज दिन के पहले भाग में इस राशि के लोगों को लाभ की प्राप्ति होगी। नौकरी व्यवसाय से जुड़े मामले हल हो जाएंगे। आज का दिन दोस्तों के साथ हास परिहास में बीतेगा। शाम आत-आते आपको थकान का अनुभव होने लगेगा। पत्नी के साथ विवाद न हो इसके लिए बेहतर है कि आप बहस के मुद्दों पर बात न करें। आज भाग्य 78 फीसदी साथ देगा।
कर्क:
आज के दिन आप अपने ही कार्यों में मस्त रहने वाले हैं। आज कोई रिश्तेदार बिन बुलाए आपके यहां आ सकता है। स्वागत के लिए तैयार रहें। आपको कहीं से धन और उपहार की भी प्राप्ति हो सकती है। आप अपने सामाजिक क्षेत्र में मेल-जोल बढ़ाने में कामयाब होंगे। आज का दिन कुल मिलाकर अच्छे कार्यों में बीतेगा। आज भाग्य 89 फीसदी साथ देगा।
सिंह:
आज शत्रु आपके खिलाफ षड़यंत्र रचने का काम कर सकते हैं। अनावश्यक चिंताओं से मन परेशान हो सकता है। काफी मेहनत करनी पड़ेगी। तब जाकर आपके कार्य पूर्ण हो पाएंगे। किसी अनजान व्यक्ति से आज लेनदेन न करें। किसी कागत पर दस्तखत करने से पहले अच्छे से सोचविचार कर लें। धोखा होने की आशंका है। आज भाग्य 55 फीसदी साथ देगा।
कन्या:
आज कर्मों के मामले में आपको सफलता प्राप्त होगी। परिजनों से सुख प्राप्त होगा। मांगलिक कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। रचनात्मक कार्यों में आपको लाभ होगा। विपरीत परिस्थिति उत्पन्न होने पर क्रोध पर काबू रखें। घर गृहस्थ की समस्या सुलझ जाएगी। राजकीय मदद भी मिलेगी। सूर्यास्त के समय अचानक लाभ होने के योग हैं। आज भाग्य 80 फीसदी साथ देगा।
तुला:
आज आपकी महत्वाकांक्षा पूर्ण होने का दिन है। समस्या पैदा होने की आशंका है। किसी मामले में समस्या पैदा होने से मन आशंकित हो सकता है। किसी यात्रा की योजना बनकर टल सकती है। परिवार में किसी बात को लेकर मनमुटाव हो सकता है। ऐसा होने से मन में चिढ़ पैदा हो सकती है। आज भाग्य 60 फीसदी साथ देगा।
वृश्चिक:
आज का दिन आपका कुछ उधेड़बुन में निकल सकता है। किसी काम के पूरा न होने से आप परेशान हो सकते हैं। किसी अधिकारी से आपकी अनबन हो सकती है। किसी सरकारी दफ्तर में आपका काम आज फंस सकता है। हालांकि बाद में जाकर कोई काम पूरा हो सकता है। निराशाजनक विचारों से बचें। शाम के वक्त अचानक से किसी मामले में संतान पक्ष की ओर से शुभ समाचार मिल सकता है। आज भाग्य 55 फीसदी साथ देगा।
धनु:
आज का दिन आपके लिए बहुत ही खास माना जा रहा है। आपको कहीं से आज रुके धन की प्राप्ति हो सकती है। आज आपका विश्वास धर्म एवं आध्यात्म में बढ़ेगा। रोजमर्रा के काम में कोताही न बरतें, नहीं तो आपको परेशानी हो सकती है। आगे जाकर आपका काम लटक सकता है। नए संपर्क बनने से आपको थोड़ा लाभ भी हो सकता है। आज भाग्य 89 फीसदी साथ देगा।
मकर:
आज का दिन आपके लिए कुछ परेशानियों वाला हो सकता है। वरिष्ठ अधिकारियों से आपकी अनबन हो सकती है। दाम्पत्य जीवन में सरसता बनी रहेगी। पराक्रम वृद्धि से शत्रुओं का मनोबल टूटेगा। दिन के उत्तरार्द्ध में अचानक अतिथियों के आगमन से व्यय भार बढ़ेगा। मगर शुभ व्यय से कीर्ति बढ़ेगी। आज भाग्य 60 फीसदी साथ देगा।
कुंभ:
आज ग्रहों की शुभ स्थिति आपको लाभ देने वाली होगी। उत्तरार्द्ध में आपको लाभ होने की उम्मीद है। वाहन, भूमि खरीदने, स्थान परिवर्तन का सुखद संयोग भी बन सकता है। सांसारिक सुख भोग व घर गृहस्थी के उपयोग की प्रिय वस्तु खरीदी जा सकती है। आज महिलाओं के लिए दिन खास होगा। परिवार वाले आपसे खुश रहेंगे। आज भाग्य 90 फीसदी साथ देगा।
मीन:
आज का दिन अधूरे पड़े कार्यों को पूरा करने में ही व्यतीत हो जाएगा। आज का दिन संतान से जुड़ी समस्याओं केा हल करने में व्यतीत होगा। किसी प्रतियोगिता में आपकी जीत हो सकती है। किसी खास उपलब्धि से आपका मन प्रसन्न हो सकता है। किन्तु मौसम परिवर्तन का स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। आज भाग्य 70 फीसदी साथ देगा
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं
अंक ज्योतिष का सबसे आखरी मूलांक है नौ। आपके जन्मदिन की संख्या भी नौ है। यह मूलांक भूमि पुत्र मंगल के अधिकार में रहता है। आप बेहद साहसी हैं। आपके स्वभाव में एक विशेष प्रकार की तीव्रता पाई जाती है। आप सही मायनो में उत्साह और साहस के प्रतीक हैं। मंगल ग्रहों में सेनापति माना जाता है।
अत: आप में स्वाभाविक रूप से नेतृत्त्व की क्षमता पाई जाती है। लेकिन आपको बुद्धिमान नहीं माना जा सकता। मंगल के मूलांक वाले चालाक और चंचल भी होते हैं। आपको लड़ाई-झगड़ों में भी विशेष आनंद आता है। आपको विचित्र साहसिक व्यक्ति कहा जा सकता है।
शुभ दिनांक : 9, 18, 27
शुभ अंक : 1, 2, 5, 9, 27, 72
शुभ वर्ष : 2025, 2036, 2045
ईष्टदेव : हनुमान जी, मां दुर्गा।
शुभ रंग : लाल, केसरिया, पीला
कैसा रहेगा यह वर्ष
अपनी शक्ति का सदुपयोग कर प्रगति की और अग्रसर होंगे। पारिवारिक विवाद सुलझेंगे। महत्वपूर्ण कार्य योजनाओं में सफलता मिलेगी। अधिकार क्षेत्र में वृद्धि संभव है। नौकरी में आ रही बाधा दूर होगी। स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। राजनैतिक व्यक्ति सफलता का स्वाद चख सकते हैं। मित्रों स्वजनों का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी।
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