South-west and south direction is best
for installing the chimney
चिमनी को सही दिशा में लगाकर ज्यादा लाभ अर्जित करें
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वास्तु शास्त्र से करें समाधान
चिमनी को सही दिशा में लगाकर ज्यादा लाभ अर्जित करें
क्या आपका व्यापार ठीक नही चल रहा है ?
क्या आय से अधिक व्यय होता है ?
क्या बैंकों का कर्ज बड़ते चला जा रहा है ?
अगर आप उपरोक्त परेशानियों से जूझ रहे हैं तो अपने निर्माण कार्य का वास्तु निराकरण कराईये !!
फेक्टरी के अंदर अगर वास्तुशास्त्र के विपरीत निर्माण किया जाता है तो उसके दुष्परिनाम भी भोगने होते हैं !!
वास्तुशास्त्र में हर वस्तु का अपना गुण ,धर्म और तत्व होता है !!
वास्तुशास्त्र में हमेशा नेऋत्य कोण [दक्षिण-पश्चिम] कोण को सबसे ऊँचा और भारी करने का विधान है !!
वास्तुशास्त्र के अनुसार समृद्धि इशान कोण [उत्तर-पूर्व] से आती है और नेऋत्य कोण [दक्षिण-पश्चिम] से बाहर निकलती है !!
इसलिए समृद्धि के आने के मार्ग को हमेशा खुला रखना चाहिए और जाने के मार्ग को ऊँचा, भारी और तरह तरह के अवरोध लगाना चाहिए
फेक्टरी में लगने वाली चिमनी सबसे ऊँचा होने के साथ ही साथ भारी भी होता है !!
इसलिए चिमनी को हमेशा नेऋत्य कोण [दक्षिण-पश्चिम] ,दक्षिण या आग्नेय कोण में लगाना चाहिए !!
अगर चिमनी या ट्रांसफार्मर इशान कोण में लग जाती है तो मालिक के उपर कर्जे बड़ते चले जाते हैं ,फेक्टरी में नुकसान बना रहता है ,अंत में मालिक को दिवालिया होना पड़ता है !!
अगर आप नया निर्माण करने जा रहे हैं तो मशीनों को इस तरह लगायें जिससे वास्तु के नियमों का पूरी तरह से पालन हो !!
Courtesy Pt Deonarayan Sharma fb post
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