14 Sept 2019

Benefits of deshi ghee ke swasthya labh

घी के स्वास्थ्य लाभ

(1)  तेल बार-बार गर्म करने से खराब होते है और ट्रांस फैट में बदलते है यही ट्रांस फैट शरीर में जमता है और बीमारियों का कारण बनता है। परंतु इसके विपरीत घी को उबाल कर ही शुद्ध किया जाता है। सबसे ज्यादा स्मोक पॉइंट होने के कारण घी अधिक तापमान को भी सहन करने की क्षमता रखता है।

(2) घी न केवल हमारे भोजन के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि भोजन में घी होने से, कम मात्रा में भोजन करने पर ही भूख शांत होने लगती है। इस प्रकार हम अधिक मात्रा में खाने से बचते हैं।

(3) घी हमारे आमाशय की जठराग्नि को उसी प्रकार प्रचंड करता है जिस प्रकार यज्ञ की अग्नि को। अतः घी न केवल स्वयं शीघ्रता से पचता है बल्कि भोजन के अन्य अवयवों को भी पचाता है।

(4) घी में विटामिन ए, डी, इ, के एवं बी12 प्रचुर मात्रा में होते हैं। इनमें से विटामिन A व D एंटीआक्सीडेंट होते हैं । अतः घी स्वयं एक एंटीआक्सीडेंट की तरह काम करता है और हमारे शरीर की कोशिकाओं को क्षति से बचाता है। घी हमारे जोड़ों को मजबूती देता है।

(5) घी हमारे शरीर में 'गुड गट बैक्टीरिया' को बढ़ाता है जो कि भोजन के पाचन एवं अवशोषण के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। घी में मौजूद फैट को प्रीबायोटिक का दर्जा दिया गया है I इस प्रकार भोजन में घी का होना अपच, कब्जी, पेट के फुलाव आदि का स्वाभाविक इलाज है ।

(6)इसी प्रीबायोटिक गुण के कारण घी सबसे अच्छा anti allergen भी है क्योंकि तरह-तरह की फूड एलर्जी का कारण आंतों के बैक्टीरिया का कम होना है ।

(7) कच्चे दूध से निकाले गए सफेद मक्खन में wulzen factor मौजूद होता है जो जोड़ों की सामान्य बीमारियों में एवं गठिया में लाभकारी होता है। wulzen factor को anti stiffness factor एवं anti arthritic nutrient भी कहते है।
(8) घी में मौजूद तत्व कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड (CLA) शरीर की चर्बी को गलाने में सहायक होता है। अतः जिस प्रकार लोहा लोहे को पिघला देता है उसी प्रकार शरीर की चर्बी को गलाने के लिए हमें गुड फैट की आवश्यकता होती है l

(9) घी में मौजूद फैटी एसिडस् झुर्रियों रहित, दमकती त्वचा प्रदान करते है। बालों में मजबूती एवं चमक देते हैं।

(10) भोजन में घी की कमी होने से ही भोजन के उपरांत मीठा खाने की इच्छा बनी रहती है।

(11) घी भोजन की ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) को कम करता है l

गलत वक्त पर फल खाने से होते हैं गंभीर नुकसान, जानें 5 तथ्य

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1 फलों को खाने के पहले या ठीक बाद में खाने से हमेशा बचें। फलों का सेवन या तो खाने के आधे घंटे पहले कर लें या फिर खाना खाने के कम से कम एक घंटा बाद तक न करें, अन्यथा आपको पाचन व एसिडिटी संबंधी समस्या हो सकती है।
2 सुबह के समय फलों का सेवन स्वास्थ्य और शरीर के लिए सबसे फायदेमंद होता है, लेकिन कुछ फल ऐसे हैं जिन्हें सुबह खाली पेट खाने से हमेशा बचना चाहिए। सीट्रिक यानि खट्टे फलों को खाली पेट खाने से एसिडिटी बढ़ सकती है।
3 अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो स्वाद बढ़ाने या हेल्थ के लिए फलों को दही या दूध के साथ खाते हैं, तो ऐसा बिल्कुल न करें। यह आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दे सकता है।
4 कुछ फल किडनी स्टोन के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं, इसलिए पहले पूरी जानकारी लें तभी किसी फल का सेवन करें। अगर तरबूज खा रहे हैं तो बेहतर होगा कि इसके साथ कुछ न खाएं।
5 फलों का चयन अपनी तासीर के अनुसार करें। अगर आपकी तासीर ठंडी है, तो केले, संतरा, अनानास जैसे फलों को ज्यादा न खाएं। वहीं अगर आपकी तासीर गर्म है तो आम और पपीते जैसे फलों का सेवन कम ही करें।

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